
उम्मीदों का ये आलम अब तूमसे क्या छुपाना,
तुम ही तो मेरे दिल की आस हो।
मायुसी जो चाहती हैं, बस तुमसे मैं बतलाता,
तुम ही तो मेरे दिल कीे खास हो।
शायद वो तुम ही हो
था जींसके आने का
मुझको सालों से इन्तज़ार।
कभी ख्यालों में
खोई सी राहों में
ढुंढू तेरा ही चेहरा बार-बार।
समझले तूं एक आखरी बार,
समझना तूं इस दिल का हाल,
ना समझे तूं बस मेरा प्यार,
यारा कोशिश तो करलें ना…..
ज़िन्दगी पहल थी, या मरने का बहाना,
जो तुम मीले मुझे जीना आगया।
कुछ तुम भी तो चाहती हो, बात दिल में मत दफ़नाना,
कुछ रिश्तों में राज़ होते बेपर्दा…
अधुरे ख्वाबों में
छुपे सवालों में
कहीं तो आईं होगी मेरी तुमको याद।
चमकते तारों में
भरी किताबों में
कहीं तो क़ैद हूं तेरे दिल का गुनहगार।
समझले तूं एक आखरी बार,
समझना तूं इस दिल का हाल,
ना समझे तूं बस मेरा प्यार,
यारा कोशिश तो करलें ना…..
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©Danish Sheikh
बहुत ही खूब
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Excellent lines..
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Thanks a bunch 😊
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बहुत खूब 👌👌
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Thanks 😊
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बहुत सुन्दर..
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शुक्रिया 😊😊
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