Posted on April 19, 2020April 19, 2020 Shayri #3 कहने को तो है बहोतकुछ पर अल्फ़ाज़ काफी नही, तुमसे मोह्बत करने के लिए शायद इक़रार काफी नही; माना के मोह्बत महफूज़ है इस दोस्ती के रिश्ते में, कम्बख्त इस दिल का क्या करे जिसे ये प्यार काफी नही। © Danish Sheikh Share this:TwitterFacebookLike this:Like Loading... Related