Posted on October 30, 2019November 12, 2019 Butterfly… मेरी नज़दीकियों को समझो कोई अनजान नही हु मैं, उस चमकते आसमान से गुजरा कोई फरिश्ता नही हु मैं, किसी महकते गुलाब के खुसभु का सौदागर नही हु मैं, नाज़ुक परिंदा ही मानलो कोई दरिंदा नही हु मैं। ©Danish Sheikh Share this:TwitterFacebookLike this:Like Loading... Related
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